The mad man

खलील जिब्रान मैडमैन खलील जिब्रान की प्रतीक कथाएं है। उसने एक पागल आदमी के ज़रिये कहलवायी है। यह पागल वस्तुत: एक रहस्यदर्शी फकीर है और वह दुनियां की नजरों में पागल है। दूसरी तरफ से देखा जाये तो वह वास्तव में समझदार है क्योंकि उसकी आँख खुल गई है। इस छोटी सी किताब में कुछ 34 प्रतीक कथाएं है जो ईसप की कहानियों की याद दिलाती है। किताब की शुरूआत पागल की जबानी से होती है। वह कहता है, ‘’तुम मुझे पूछते हो मैं कैसे पागल हुआ। वह ऐसे हुआ, एक दिन बहुत से देवताओं के जन्मनें के पहले मैं गहरी नींद से जागा और मैंने पाया कि मेरे मुखौटे चोरी हो गये है। वे सात मुखौटे जिन्हें मैंने सात जन्मों से गढ़ा और पहना था। मैं भीड़ भरे रास्तों पर यह चिल्लाता दौड़ा, चौर-चौर। बदमाश चौर। स्त्री-पुरूषों ने मेरी हंसी उड़ाई। उनमें से कुछ डर कर अपने घर में छुप गये। और जब मैं बाजार मैं पहुंचा तो छत पर खड़ा एक युवक चिल्लाया, ‘’यह आदमी पागल है।‘’ उसे देखने के लिए मैंने अपना चेहरा ऊपर किया ओर सूरज ने मेरे नग्न चेहरे को पहली बार चूमा। और मेरी रूह सूरज के प्यार से प्रज्वलित हो उठी। अब मेरी मुखौटों की चाह गि...