Posts

Showing posts from 2020

Gilgit-Baltistan

Image
गिलगित-बल्तिस्तान विवाद क्या है ?****************************** C/P ****** पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक स्वायत्तशासी इलाका है जिसे गिलगित-बल्तिस्तान के नाम से जाना जाता है यह इलाका पहले शुमाली या उत्तरी इलाके के नाम से जाना जाता था। करीब 73 हजार वर्ग किमी. वाले इस स्थान पर 1947 ई. में पाकिस्तान ने अवैध कब्ज़ा कर लिया था।भारत और यूरोपीय संघ इस इलाके को कश्मीर का अभिन्न हिस्सा मानते हैं लेकिन पाकिस्तान की राय इससे अलग है। पाकिस्तान ने 1963 ई. में इस इलाके का हिस्सा अनधिकृत रूप से चीन को सौंप दिया था। इसके बाद 1970 में गिलगित एजेंसी के नाम से यहाँ एक प्रशासनिक इकाई का गठन किया गया। 2009 में गिलगित-बल्तिस्तान अधिकारिता और स्व-प्रशासन आदेश जारी किया गया। गिलगित-बल्तिस्तान का इतिहास ************************** साल 1947 तक भारत-विभाजन के समय गिलगित-बल्तिस्तान का क्षेत्र जम्मू और कश्मीर की तरह ना तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का। दरअसल 1935 में जम्मू कश्मीर के महाराजा ने गिलगित का इलाका अंग्रेजों को 60 साल के लिए लीज पर दे दिया था अंग्रेज़ इस इलाके का उपयोग अपनी सा

कथा परशुराम की

Image
Social Network से प्राप्त इस मजेदार जानकारी को आइए साझा करते हैं... । भगवान परशुराम के अति संक्षिप्त जीवन चक्र एवं उनसे सम्बंधित भ्रांतियों पर प्रकाश। “ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नोपरशुराम: प्रचोदयात्।"| हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। सौभाग्य व सफलता का सूचक अक्षय त्रितया ख़ुद में एक सर्वसिद्धि मुहर्त दिन है। त्रेतायुग के आरंभ में जन्मे भगवान परशुराम को विष्णु भगवान के छठवे अवतार के रूप में उनका आवेशावतार कहा जाता है। ये उन सात महापुरुषों में हैं जो अमर हैं, चिरंजीवी हैं। अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषण। कृप: परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविन।। सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।। अर्थात अश्वत्थामा, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, भगवान परशुराम तथा ऋषि मार्कण्डेय जी हमेशा हमेशा के लिए अमर हैं। उन्होंने एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा। तो आइए जानते हैं उनक