Posts

Showing posts from May, 2017

कैसा सच? किसका सच?

Image
पूरा सच... आधा सच .. सच के पहले और बाद का सच, इन सबके बाद भी सच का पता नहीं चलता कि आखिर किस बात को सच बनाया जा रहा है और जो मीडिया में दिखाया, बताया जा रहा है। वह तर्क, बुद्धि से परे निश्चित रूप से अविश्वसनीय है। उसका फोकस सिर्फ बाजार है और बाजार का संबंध मुनाफा से है। इसी कारण वह एक ही समय में beauty product, religion और आतंकवाद सबको दिखाता है क्योंकि सब कुछ बिक रहा है। बाजार में सबके लिए जगह है, बस उसकी packaging अच्छी होनी चाहिए। यह हो भी रहा है। पूरी दुनिया में आतंकवाद एक बड़ा व्यवसाय है, जो हथियारों की खरीद फरोख्त का पूरी तरह विकेन्द्रित तरीका है। जिसमें आतंकी संगठन पूरी तरह private company की तरह व्यवहार करते हैं और उसके सारे आदर्श मालिक के पक्ष में होते हैं। यह संगठन तब और अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जब वह किसी खनिज संपदा वाले क्षेत्र पर काबिज हों या फिर इस जगह का सामरिक महत्व हो। तब तो वहाँ के लोगों की खैर नहीं और सच का अजब-गजब projection शुरू हो जाता है। किसका सच, कौन सा सच, सब प्रायोजित।          खैर ज्यादातर लोग, जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल होते हैं वो लोग बेमकसद ही होत