EVM जिन्दाबाद


बेचारी EVM कम्प्यूटर न होने या उससे कुछ कम होने के बावजूद कम्प्यूटर वाली बदनामी झेलनी पड़ रही है कि ए hack हो चुकी, कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं है, इसे बंद करो जबकि EVM चीख-चीख कर कह रही है मै Hack नहीं हो सकती क्यों कि मुझमें किसी तरह की connectivity नहीं है। मै एक normal calculator हूँ जिसमें थोड़ा फेरबदल किया गया है। सोचिए अब तक कितने normal  calculator hack किए गए हैं। वैसे EVM की Tampering हो सकती है पर उसे hack नहीं किया जा सकता। उसकी एक मात्र शर्त यह है कि पूरी व्यवस्था किसी एक व्यक्ति या दल के पक्ष में हो जाय जो कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सम्भव नहीं है। मशीन के assembling से लेकर voting और गणना तक जो प्रक्रिया है और उसमें हमारे यहाँ विचार, जात, धर्म को लेकर जो विविधता है वहाँ शायद ही कोई EVM किसी के हथ्थे छेड़ छाड़ के लिए अकेली पड़ती हो।
     गहरे में देखा जाय तो सवाल EVM का है ही नहीं असली सवाल विश्वसनियता का है और चुनाव आयोग की जो पूरी प्रक्रिया है वह प्रशंसनीय है। यहाँ विश्वासनियता भी चुनाव आयोग की है कि मशीनें उसकी custody में हर तरह से सुरक्षित हैं और हमारा चुनाव आयोग निष्पक्ष है। जबकि हमारे हारे हुए राजनीतिक दल जो कर रहे हैं वो वास्तव में जवाब देने से बचने का तरीका हैं। चुनाव का बेहद सामान्य विश्लेषण किया जाय तो जहाँ भी BJP जीती है तो वहाँ उसके विरोधियों का कूल मत प्रतिशत, हारने के बाद भी BJP से ज्यादा है, उनकी जीत का कारण उनका प्रबंधन है। एक और बात पर गौर किया जाए कि इस समय सबसे प्रखर वक्ता किस राजनीति दल में है? हम लाख असहमत हो पर सच्चाई ए है कि जनता को सही-झूठ कैसे भी करके बाँधे रखने की क्षमता विपक्ष के किसी नेता में दिखाई नहीं पड़ती और विपक्ष की कहीं कोई आवाज भी सुनाई नहीं पड़ती। हमारा विपक्ष कोई विकल्प बनने या देने के बजाय वह BJP बनने की कोशिश करने लगता हैं और खुद को कभी hard BJP तो कभी soft BJP बनाने के चक्कर में पता नहीं क्या बन जाता हैं और BJP का ज्यादातर काम ए खुद ही कर देते हैं ।
rajhansraju

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