fake news

Fake News

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हलाँकि समाचार का मतलब समझने वाले लोगों ने news channels और कथित निष्पक्ष social platform से खुद को एक तरह से अलग कर रखा है और महज मनोरंजन तक की उनकी भूमिका को स्वीकार रहे हैं, जबकि ए लोग बहुत बड़े समूह को प्रभावित करते हैं और राय बनाने की आक्रामक व्यवस्थित बाज़ार वादी तरीक़े से किसी प्रायोजित एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं। जबकि इसी internet से तमाम गंभीर लोग भी अपनी बातें कह रह रहे हैं, जिन्हें सुनने, देखने की किसी को फुर्सत नहीं है। बस कोई भी वाहियात बात और व्यक्ति न जाने कब इन अतिवादी मीडिया द्रष्टियों कि कृपा सी hero नहीं तो anti hero बन ही जाता है। फिर मुफ्त में 24×7 live telecast शुरू हो जाता है। अब मनोरंजन से समाचार को आजाद करने की जरूरत है या फिर इन चैनलों को news channels न कहा जाय और इनके अभिनेता को पत्रकार न कहा जाय। कुल मिलाकर समाचार क्या है? इसे परिभाषित करने की आवश्यकता है, कम से कम लगातार शोर मचाना तो समाचार बिलकुल भी नहीं हैऔर जब विश्वसनीयता का संकट हो तब.. मीडिया के उस सतर्क और गम्भीर पक्ष का सामने आना नितांत आवश्यक हो जाता है।
वैसे विकल्प की कोई कमी नहीं है, कुछ जिम्मेदारी हमारी भी है कि उन विकल्पों में हम किसका चयन करें..


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Comments

  1. कहते हैं कब्र में सुकून की नींद आती है
    अब मजे की बात ए है की ए बात भी
    जिंदा लोगों ने काही है

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