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इस समय social network पर गाली गलौज करने वालों का कुछ खास तरह का ग्रुप खूब चल रहा है। जो फिलहाल कुछ इस तरह नजर आता है -
1- भक्त
2-जेहादी
3-दलित
4-ब्राह्मणवादी
5-समाजवादी।
इनका एक सूत्री काम अति साहित्यिक गालियों से सब को अवगत कराना है। साथ ही यह भी बताना है कि मै कितना काबिल हूँ और मै जिस परिवार, समाज का प्रतिनिधि होने का दावा करता हूँ, वहाँ से मैने क्या सीखा है। उनकी बात से इतना तो साबित है कि ए पढ़ लिख सकने वाले भयानक जाहिल हैं। जिन्हें सच में, कुछ पता नहीं है और ए बेचारे किसी संगठन के pumplate को ही सम्पूर्ण साहित्य और अंतिम सत्य मान बैठते हैं। जबकि देखने, जानने, समझने को इतना कुछ है कि जरा सी आँख खोलते ही, मजहब और जातीय बोध से जुड़ी तमाम दुर्भावनाएँ ज्यादा देर तक टिक नहीं सकती। बस जरूरत इस बात की है कि न केवल आँख और दिमाग खोला जाय, बल्कि खास तरह के चश्मों से मुक्ति भी पायी जाए।
rajhansraju
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