सावधान! सामने! अपना नेता है!


अगर आप गाँव, मुहल्ला, शहर में सुख और शांति बनाए रखना चाहते हैं तो अधिकार और हक के नाम पर जागरूक करने वाले महान व्यक्तियों से सावधान हो जाइए, क्यों कि-
1- ए जिस हक की बात करते हैं। उसे अकेले ही  पूरा हडप लेते हैं।
2- इनकी बात आमतौर पर धार्मिक, जातीय खतरे से शुरू होती है। जिसमें अतीत की भयंकर या फिर स्वर्ण काल वाली व्याख्या होती है। इनका काम इनके भक्त या प्रशंसक से ज्यादा, आलोचक करते हैं।
3- ए वर्तमान शिक्षा, समाज, अवसर, इन विषयों पर कभी बात नहीं करते।
4- इनके विचारों में महिला तो हो ही नहीं सकती। अगर कोई डरावनी चीज है तो वह महिला ही है। उसका जिक्र आते ही बोलती बंद।
ऐसे में यदि यह आदमी धार्मिक या राजनीतिक getup में हुआ तो खतरा और बड़ा है।
सावधान हो जाइए और अपने गाँव, शहर को बचा लीजिए। ए  लोग अब जहाँ भी जागरूकता लाते हैं, वहाँ सिर्फ आग लगती है। पहले पुलिस ... फिर सेना आती है.. तब वह दिल्ली में बैठकर interview देता है और सबसे अच्छी जगह धरना और अनशन भी.. अंत मे एक अच्छा सा समझौता, विधान सभा, संसद की सीट पक्की, सुना है, भाई ने अभी हाल ही में एक आलीशान होटल खरीदा है और जहाँ जागरूकता अभियान चलाया था। वो बस्ती अब खाली है और भाई के partnership में किसी को वहाँ का ठेका मिल गया है। फिर चुनाव हुए, भाई के सामने सबकी जमानत जब्त हो गयी। भाई  अब राजा है, दरबार लगाता है, सब लोग मथ्था टेक रहे हैं, उसके कपड़ों का रंग और खिल गया है, लोगों को यही लगता है कि भाई  एक ही रंग में  बँधा है, जबकि भाई को पता है, कौन सा रंग? कहाँ, कितना कारगर है। लोगों ने अपने-अपने रंगों के सामने खूब तालियाँ बजायी। जबकि सभी रंग के भाइयों ने मिलकर पूरी रात जश्न मनयी।
rajhansraju

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