UPPSC Examas and results | a salute to fighters

UP PCS And UPSC हमारे यहाँ उ.प्र. मे भी प्रतोयोगी छात्र आयोग और सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं और इस संघर्ष का समाचार , अखबारों में अति स्थानिय हो जाने के कारण इलाहाबाद से बाहर निकल हि नहीं पा रही थी वो तो सोसल नेटवर्क की वजह से बात और लडाई कुछ हद तक लोगों तक पहुँची पर आज़ भी यह दिल्ली वाले कथित राष्ट्रीय मीडिया के लिए कोई शानदार इवेंट नहीं बन पाया है क्योकि जब तक , राजनीतिक दल एक दूसरे को गरियाने कि नूराकुश्ती न खेले , टीवी पर मज़ा नहीं आता या तो मौते हों नहीं तो फिल्मी ग्लैमर वाला सेंसेशन तो क्रीएट होना ही चाहिए नहीं तो अच्छी न्यूज़ कहाँ बनती है .. और प्रतियोगी छात्र ठहरे डरपोक (जोकि हर समझदार आदमी होता है) उन्होंने न तो पटरियाँ उखाडी और न ही जाति के आधार पर संगठित होकर सरकार बनाने बिगाडने का खेल ही खेल पा रहे हैं ले दे के एकमात्र सहारा कोर्ट का है फिर यहाँ की फीस सुनकर ही आदमी हिम्मत छोड़ दे अब तो ऐक्टीविस्ट भी मोटा आसामी ही सकता है या फिर उसे लड़ने के लिए भी अच्छी स्पोंसर मिली हो नहीं तो आपके खिलाफ कोई रोहतगी या सोराबज़ी खड़ा होगा फिर क्या फैसला...