Posts

anna to baba ramdev

Image
  भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जिस शालीन और सभ्य तरीके से शुरू हुई थी. वह मीडिया से पाए जाने वाले आसान कवरेज और महान घोषित होने कि संभावना के कारण, अपने उद्देश्य से भटकती दिख रही है . जिसका कारण हमारे नेतागण हैं. जो  अपनी कुशाग्र बुद्धि का इस्तेमाल हर छोटे-बड़े काम को रोकने के लिए करते हैं और इस समय अन्ना के मुहिम कि हवा निकालना ही इनका मकसद है. बाबा रामदेव कि हर समय मीडिया में बने रहने कि इच्छा ने नेताओं का काम आसान कर दिया है. बाबा जो कह रह वह सब सही है. पर हमें यह समझ नहीं आता कि वह सारे काम खुद ही क्यों करना चाहते हैं, जबकी बाकी लोग काफी अच्छा प्रयास कर रहें हैं. ऐसे में उन लोगों को पर्याप्त मौका और समय दिया जाना चाहिए और उनकी सराहना भी की जानी चाहिए. अब तो ऐसा लगता है की हमारे साधू- संत भी  ईर्ष्या के शिकार हो रहे हैं और बाबा भी अपने चूक जाने की गलती (अन्ना की तुलना में) तत्काल सुधारना चाहते हैं . श्रेय लेने और प्रसिद्धि पाने की हर वक़्त की लालसा, ऐसे आन्दोलनों को कमज़ोर बनाती है.               अपने देश में कुछ हज़ार लोगों को इकट्ठा कर...

kisan-politics

Image
आम लोगों के वाजिब हक के लिए हमारे राजनेता कितने संवेदनशील हैं इसका अंदाजा हम भोपाल गैस कांड से लेकर, हाल में हो रहे किसान आन्दोलनों से लगा सकते हैं | जहाँ हर राजनैतिक दल अपनी चुनावी जरूरतों को पूरा करने में लगा है, चुनाव नजदीक आते ही किसी भी मुद्दे का अर्थ पूरी तरह से बदल जाता है. कहीं हिंदी भाषियों पर हमले होने लगते हैं, तो दूसरी तरफ भाषा और संस्कृति कि याद आने लग जाती है या फिर अचानक धर्म और सम्प्रदाय के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है | सारे मुद्दे और जरूरतें नेताओं के हाथ में आते ही राजनीतिक अखाड़े कि मुहरे बन जाती हैं और सत्ता हो या विपक्ष बारी-बारी अपनी रोटियां सकने में लग जाते हैं | आज तक कोई भी बड़ा नेता किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान  पुलिस कि लाठी या गोली का शिकार नहीं हुआ | वह हमेशा आम आदमी ही होता है,    जो किसी न किसी तरीके से व्यवस्था का शिकार होता रहता है |                                                           ...