shame
एक बार फिर हम पूरी दुनिया के सामने अपना मजाक बनाने में लग गए हैं.जहाँ जाति और मज़हब को लेकर हमें कोई भी भड़का सकता है और लोग मज़े के लिए तोड़ फोड़ में शामिल हो जा रहे हैं, बिना सही गलत जाने और यह वोट की राजनीति हमारे पूरे तंत्र को निकम्मा बना देती है. आखिर कब हम एक देश की तरह व्यवहार करना शुरू करेंगे, जहाँ एक ही मज़हब, एक ही पहचान हो, वह भारतीयता की हो, हम एक हैं, हम भारतीय हैं, हम एक दूसरे की सुरक्षा का करण बने न कि खतरा.. हमारी नयी पीढ़ी जो हर वक़्त नेट पर लगी रहती है, वह महज़ मनोरंजन कि तलाश करती रहती है और अनजाने में ही अफवाहों को तूल देने का काम कर जाती हैं. जबकि नेट पर जानने समझने के लिए ढेरों सामग्री होती है जिसे देखने पढ़ने कि फुर्सत किसी को नहीं होती, अरे भईया कुछ शेयर, लाइक करने से पहले उसके पीछे के मकसद को भी तो समझने कि कोशिश कर लो और आज बड़ी आसानी से पढ़े लिखे लोगों को भी कुछ शातिर लोग शिकार बना लेते हैं और हर जगह मज़ा लेने के लिए, ...