Raksha Bandhan
रक्षा बंधन

रक्षा बंधन, रक्षा करने का व्रत है, जहाँ व्यक्ति अपने को आत्मा, बुद्धि और शरीर से इतना सक्षम समझता है कि वह अपने भाई- बहन, परिवार , देश समाज सभी की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने का व्रत लेता है, यहाँ सभी की सुरक्षा एक दूसरे से जुडी है क्योंकि हर इकाई, एक लम्बी चैन की आवश्यक कड़ी है. यहाँ सुरक्षा का अर्थ महिलाओं को कमजोर मानकर उनकी सुरक्षा नहीं करनी है बल्कि उन्हें भी इतना ताकतवर बनाना है कि वह खुद कि और अन्य लोगों कि सुरक्षा स्वयं कर सके. वैसे भी किसी महिला को कमज़ोर कहना पूरी स्त्री जात का अपमान होगा. यह धागा एक व्रत है, जिसे कोई भी किसी को बाँध सकता है, अगर भाई भी बहन कि कलाई में बांधे तो यह जो इस बात का एहसास कराएगा कि तुम कमज़ोर नहों हो. मै ही नहीं तुम्हे भी मेरी रक्षा करनी होगी और हम दोनों बराबर हैं. इस धागे कि जरूरत हम दोनों को है जिसने रिश्तों को बड़े प्यार से बाँध रखा है.
तो क्या इस रक्षा बंधन हम इस बात का व्रत लेंगे कि हम अपने समाज को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित बनाएगे. आज कहीं भी जात, धर्म, भाषा, देश को लेकर कोई भी समस्या हो सर्वाधिक शिकार महिलाओं को ही बनाया जाता है, कोई भी देश कैसा भी समाज हो सारे कानून और बंदिशें महिलाओं के लिए ही हैं. किस तरह उन्हें मारना है, प्रताड़ित करना है और फिर उसे नैतिकता और नियम का जामा पहना देना है. साथ ही साल में एक बार इस त्यौहार को भी मना लेना है. ऐसे ही बस अपना काम हो गया ? आखिर कब ? हम इस सुरक्षा बोध को जगाने की अपनी जिम्मेदारी निभाएँगे?
🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🌹❤️❤️🌹🌹
🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹
*****************
my facebook page
***************
***********
facebook profile
************
***************
*********************************
my Youtube channels
**************
👇👇👇
**************************
my Bloggs
***************
👇👇👇👇👇
****************************
**********************
आज कहीं भी जात, धर्म, भाषा, देश को लेकर कोई भी समस्या हो सर्वाधिक शिकार महिलाओं को ही बनाया जाता है, कोई भी देश कैसा भी समाज हो सारे कानून और बंदिशें महिलाओं के लिए ही हैं. किस तरह उन्हें मारना है, प्रताड़ित करना है और फिर उसे नैतिकता और नियम का जामा पहना देना है. साथ ही साल में एक बार इस त्यौहार को भी मना लेना है. ऐसे ही बस अपना काम हो गया ? आखिर कब ? हम इस सुरक्षा बोध को जगाने की अपनी जिम्मेदारी निभाएँगे?
ReplyDelete