Gandhi 2.0 : new gandhian
नव गांधीवादी हमारी सरकारों ने नयी पीढ़ी को बापू का दर्शन समझने के लिए ... लगभग मजबूर कर दिया और अब गांधी 2.0 नये version में आ चुके हैं । जिसकी जरूरत न केवल हमारे देश को बल्कि पूरी दुनिया को है क्योंकि ताकतवर सरकारों से सिर्फ गांधी लड़ सकते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हिंसा का प्रतिकार बहुत आसानी से हिंसा से हो सकता है, ऐसा ही आमतौर पर होता है और यह एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म देती है। इस प्रक्रिया में हमेशा जो ज्यादा हिंसक होता है, तराजू का पलड़ा उसी की तरफ झुक जाता है। इसे हम इतिहास के किसी भी कालखण्ड में देख सकते हैं, यह पूरी तरह रक्त रंजित है, जिसमें सत्ता और शक्ति रूपी दानव मनुष्यता का हर पल ग्रास कर रहा होता है। यह दानव किसी एक कालखण्ड तक सीमित नहीं है, इसमें निरंतरता है और इससे जो संघर्ष है वह चंद दिनों की महज खानापूर्ति कर लेने से नहीं हो सकती क्योंकि यह संघर्ष स्वयं से और अपने लोगों से है। ऐसे में यह लड़ाई बहुत कठिन हो जाती है क्योंकि इसका "मूल" विचार और चिंतन में छुपा हुआ है कि आखिर हम क्या, क्यों और कौन हैं? इस बात की तलाश करना और खुद को क्या और कैसा ब...