traffic sense
अब तो कहीं भी जाम लाग जाता है और आम आदमी कि शिकायतें भी अपनी जगह सही हैं कि सड़के जगह-जगह खुदी हैं, कम चौड़ी हैं, ट्रैफिक पुलिस कि व्यवस्था नहीं है, जहाँ-तहाँ जलभराव है. वहां कितना बड़ा गड्ढा होगा इसका अंदाज़ा भी नहीं लाग पाता और इस वज़ह से जाम लाग जाता है. अब दूसरा दृश्य भी है जहाँ सड़क ठीक ठाक है और चौड़ी भी है और पुलिस वाला भी मौजूद है. इसके बावजूद जाम लगा हुआ है. पाता चलता है कि सामने एक नेताजी कि बड़ी सी गाड़ी माला फूल से सजी सारे नियमों कि खिल्ली उड़ाते खड़ी है और पुलिस वाला भी अन्दर ही अन्दर गरियाते हुए नेताजी की जल्दी से निकल जाने में मदद कर रहा है. उनके जाते ही कुछ परम आधुनिकता का रूप धारण किए बाईक सवार आ टपकते है. उनको देखकर यह पता ही नहीं चलता कि ए किस साईड से चल रहें हैं. खैर हिम्मत करके एक पुलिस वाले ने रोक लिया तो लगा, उससे बहुत बड़ा गुनाह हो गया, उन लड़कों ने उसे तुरंत बाप के परिचय से धमकाया, पुलिसवाले कि सिट्टी पिट्टी गम हो गयी. अब पुलिसवाला चुपचाप मुंह लटकाए खड़ा था. तभी एक बेचारा सा आदमी स्कूटर से धीरे-धीरे चला आ रहा था, उसने हेलमेट नहीं लगाया था. पुलिस वाले ने बड़