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fake news and hate news

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fake news किसी परिवार के लिए मौत से बढ़कर कोई बुरी खबर नहीं हो सकती और यह खबर तब खतरनाक बन जाती है जब किसी पूरे समुदाय पर उंगली उठने लग जाती है। जबकि ज्यादातर घटनाएँ अपराध से जुड़ी होती हैं और जातीय, धार्मिक संस्थाओं की उस वक्त कोई भूमिका नहीं होती और सामान्यतः घटनाओं के बाद उनकी जातीय, धार्मिक व्याख्या शुरू होती है और इन संगठनों की भूमिका भी। आमतौर पर सड़कों पर या कहीं भी कुछ इधर उधर हुआ तो कहा सुनी हो ही जाती है और ऐसे में सामने वाला local और संख्या में ज्यादा हुआ तो आपकी खैर नहीं। यह पूरी बात किसी जाति धर्म को लेकर नहीं है, बस किसके हत्थे कौन चढ़ जाएगा यह सोच पाना नामुमकिन है। परिवार के साथ यात्रा करके देखिए, यात्रा के दौरान हर तरह के लोग मिलते है। अच्छे और एक दूसरे की मदद करने वाले लोग, कभी- कभी तो कुछ घंटे की यात्रा में ही आपकी जाति-धर्म से जुड़ी धारणाएँ टूट जाती हैं और आप एकदम शानदार नई चीजों से अवगत होते हैं। वहीं कुछ लफंगे, उचक्के, ... अपराधी जो पूरी तरह secular होते हैं। बिना भेदभाव लोगों का शिकार करते हैं। कुछ पल में पूरी जिंदगी न भुलाया जा सकने वाला अनुभव दे जाते हैं।      

योग दिवस- happy Yoga day

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योग दिवस  मित्रों  .... आइए योग दिवस पर कुछ अनोखे आसनों का अभ्यास करें और बाबा के पतंजली brand से प्रेरणा लेते हुए। मुक्त व्यापार आसन को सफल बनाएँ।      इस समय सर्वाधिक प्रचलित "आत्ममुग्ध सेल्फी मोड" आसन है। इसका सर्वाधिक विकार social network पर पाया जाता है। इसकी सफलता का आकलन like नामक लक्षण देखकर आँका जाता है। इस आसन को करने के लिए सिर्फ network युक्त camera phone की आवश्यकता होती है। और हाँ जितनी कम अक्ल होगी उतना ही अच्छा होगा।       अब कुछ अन्य न किए जाने वाले आसन का सिर्फ जिक्र करते हैं क्यों कि सब जानते हैं बात निकलेगी तो ..।  वैसे इन आसनो की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में आप अपनी  सुविधा के अनुसार इन्हें श्रेणी बद्ध कर सकते है। फिलहाल कुछ महत्वपूर्ण आसन- - भ्रष्टाचार मुक्ति आसन - गरीबी निवारण आसन - शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आसन           सबसे जरूरी सद्भाव आसन है, क्यों कि जब तक समाज में एक दूसरे के प्रति सम्मान और स्वीकार्यता का भाव नहीं होगा, तब तक कोई भी व्यक्ति सही अर्थों में योग नहीं कर पाएगा और सद्भाव न होने पर हमारा समाज पूरी तरह जड़ हो जाएगा क्यों कि आग