Sab chalata hai
सब चलता है? ज्यादा परेशान मत होइए ए पहली घटना नहीं है, वैसे भी हमारा जो रवइया है, इसे आखरी नहीं होने देगा क्योंकि मानसिक गुलामी से मुक्त होने की हमारी कोई इच्छा नहीं है। खुद पर विश्वास करिए, कहीं कोई चमत्कार नहीं होगा, समस्याओं से पार पाने के लिए आपको ही संघर्ष करना है, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलिए और झंडे लेकर चलना बंद कीजिए, मेरा वाला सही है उसका वाला गलत है, जैसा हकीकत में नहीं है क्योंकि जब पैसा और पाॅवर किसी के पास जरूरत से ज्यादा हो जाता है, तब आमतौर पर वह अराजकता की तरफ ही ले जाता है- बाबाओं का जादू कैसे चलता है, इसे बड़ी आसानी से समझा जा सकता है, बस थोड़ा सा अक्ल का इस्तेमाल करना है, ध्यान रखिए दुनिया में कोई चमत्कार नहीं होता, ए सिर्फ सामने वाले की चालाकी है कि हमें किस स्तर पर मूर्ख बना रहा है और हम अपनी परेशानी का समाधान चमत्कारी साधनों में ढूँढ रहे हों तो उसका काम और भी आसान हो जाता है। सीधे-साधे, गरीब, अशिक्षित, अर्द्ध शिक्षित लोगों को क्या कहा जाय, जब हमारे समाज के अति संपन्न, कथ...