TATA
रतन टाटा जी को श्रद्धांजली आने जाने का अंतहीन सिलसिला कुछ भी किसी के बगैर रुकता नहीं है सब जैसे था वैसे ही चलता रहता है अगर कोई यह सोचता है कि उसके बगैर दुनिया ठहर जाएगी तो उसे मालूम होना चाहिए कि उसके बगैर भी दुनिया चल रही थी और आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी हो सकता है और बेहतर होगी या और बदतर होगी यह भला किसे मालूम है कि कब क्या कहां कैसे होगा बस हमको कोशिश करते रहना हैं और चीजें जैसे होनी चाहिए वैसी ही होती रहें, यह और है कि हमें लगता है कि वह ठीक नहीं है पर यह हमारी अपनी व्यक्तिगत धारणा है कि हम चाहते हैं कि कोई चीज कैसी रहे मेरे अनुकूल रहे मैं जैसा चाहता हूं वैसा रहे पर यह मुमकिन नहीं है उसका होना अपने आप में एक स्वतंत्र तरीके से होना है जिस पर हमारा नियंत्रण नहीं हो सकता है बस इस बात को जो लोग स्वीकार कर लेते हैं वह बहुत आगे निकल जाते हैं उन्हीं में से रतन टाटा, ऐसे ही शख्स थे जिन्हें उनके रहते और जाने के बाद भी उतने ही सम्मान से याद किया जाता है और किया जाता रहेगा क्योंकि जो लोग अपनी जिंदगी सिर्फ अपने लिए नहीं जीते वह कहीं आगे निकल जाते हैं कालजयी हो जाते हैं अमर हो जाते ह...