sorry! sorry!


हमारे शहर में भी आए दिन कमाल होता रहता है. भगवान के तुल्य माने जाने वाले डाक्टरों ने दो लावारिस मरीजों को न केवल अस्पताल से बल्कि शहर से बहार फेक ही दिया था. कुछ लोगों की जागरूकता और संवेदनशीलता से फ़िलहाल यह मामला किसी और अंत से बच गया. इस खबर को पढ़कर दुःख तो हुआ ही, पर उससे कहीं ज्यादा शर्म आई कि हम किस हद तक गिर चुके हैं और इंसान कहलाने लायक बचे भी हैं या नहीं? कैसे ? क्यों ? मै नहीं ? जैसी चीज़ें हम सदैव रचते रहते है और खुद की आवाज़ को अनसुनी करते रहते हैं.
यह शर्म मुझे अपने डाक्टर भाइयों से ही नहीं बल्कि किसी न किसी रूप में पुलिस, प्रशासन, वकील, छात्र सभी लोगों के लिए आती है. जो अपनी संवेदनहीनता का प्रदर्शन आए दिन करते रहते हैं. बस मौका मिलने पर हम दूसरे को भला बुरा कहकर अपने कर्तव्य को पूरा कर लेते हैं. 
  🌹🌹❤️❤️❤️🙏🙏🙏❤️🌹🌹

🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹











*****************
my facebook page 
***************

***********
facebook profile 
************

***************





*********************************
my Youtube channels 
**************
👇👇👇



**************************
my Bloggs
***************
👇👇👇👇👇



****************************





**********************

Comments

  1. हमारे शहर में भी आए दिन कमाल होता रहता है. भगवान के तुल्य माने जाने वाले डाक्टरों ने दो लावारिस मरीजों को न केवल अस्पताल से बल्कि शहर से बहार फेक ही दिया था. कुछ लोगों की जागरूकता और संवेदनशीलता से फ़िलहाल यह मामला किसी और अंत से बच गया. इस खबर को पढ़कर दुःख तो हुआ ही, पर उससे कहीं ज्यादा शर्म आई कि हम किस हद तक गिर चुके हैं और इंसान कहलाने लायक बचे भी हैं या नहीं? कैसे ? क्यों ? मै नहीं ? जैसी चीज़ें हम सदैव रचते रहते है और खुद की आवाज़ को अनसुनी करते रहते हैं.
    यह शर्म मुझे अपने डाक्टर भाइयों से ही नहीं बल्कि किसी न किसी रूप में पुलिस, प्रशासन, वकील, छात्र सभी लोगों के लिए आती है. जो अपनी संवेदनहीनता का प्रदर्शन आए दिन करते रहते हैं. बस मौका मिलने पर हम दूसरे को भला बुरा कहकर अपने कर्तव्य को पूरा कर लेते हैं.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Mahakumbh

Mahakumbh Mela

waqf act