obama-marketing

ओबामा 


ओबामा का हम लोगों ने शानदार स्वागत किया और उन्होंने भी एक अच्छे मेहमान की तरह वह सब  किया और कहा जो हम देखना और सुनना चाहते थे | एक अच्छे दुकानदार की यही क़ाबलियत होती है की वह अपने ग्राहक को कैसे भी खुश करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा ले और उसमे कम से कम कीमत पर खरीदने और अधिक से अधिक कीमत पर बेचने की महान योग्यता तो होनी ही चाहिए | क्योकि बाज़ार का यही नियम है | ओबामा के समस्त देशों की यात्राएं इसी खरीद और बिक्री के कुशल प्रबंधन की कोशिश है, जहाँ वह अमेरिका के लिए एक बड़े बाज़ार और रोज़गार की संभावनाएं तलाश रहे हैं |
                                       भारत आज दुनिया की जरूरत है और अमेरिका को भी भारत चाहिए | जिसमे संपन्न होता मध्य वर्ग जो जो बहुत बड़े बाज़ार का सृजन करता है ,साथ ही हमारी मजबूत होती अर्थ ब्यवस्था ,जो प्रतिस्पर्धा का डर छोड़ चुकी है और अपनी काबलियत से दुनिया में अपनी पहचान बना रही है | यह पहचान और ताकत ही हमारी तरफ दुनिया को देखने के लिए मजबूर कर रही है | जहाँ एक ओर विकसित देशों का बाज़ार आगे बढ़ सकने की अधिकतम सीमा प्राप्त कर चुका है ,वहीँ भारत की बड़ी जनसँख्या, बाज़ार के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रही है और इसी बाज़ार को हथिआने में विकसित और सक्षम देश लगे हुए हैं | आज दुनिया की आर्थिक जरूरतों ने अंतर्राष्टीय प्रतिबंधों और दुराग्रहों को भी शिथिल कर दिया है | इसको हम परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे समझौतों से समझ सकते हैं | जो भारत की खरीद सकने की क्षमता का ही परिणाम है |
                                                                                                 इस समय दुनिया के हालात हमारे अनुकूल हैं और अब हमारी काबलियत एक अच्छे खरीदार बनने की है कि हम अंतर्राष्टीय समझौतों को कैसे अपने अनुकूल बना सकें | आज हमें एक नई व्यवस्था बनाने कि जरूरत है जो राष्टीय हितों को बिना नुकसान पहुंचाए बाज़ार के साथ समन्वय स्थापित कर सके क्योंकि अभी तक हमने जो प्रशासनिक और राजनीतिक ब्यवस्था विकसित कि है उसमे भ्रष्ट और लालची लोगों कि संख्या कहीं अधिक है और इससे भ्रस्टाचार के नित नए और विकराल रूप सामने आ रहें हैं | ऐसे में राष्टीय संपत्ति का इस्तेमाल सही दिशा में नहीं हो पा रहा है |
                                                                      दुनिया में हमारी पहचान किसी अन्य देश कि कृपा से नहीं बनेगी | इसके लिए हमें अधिक से अधिक सक्षम और ताकतवर होना पड़ेगा और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा चाहे वह शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य कुछ भी हो सब में समग्र उपलब्धियां हासिल करनी होंगी और आम लोगों को बाज़ार के भरोसे छोड़ने के बजाय, विकास को बाज़ार से जोड़ना होगा जिससे आम आदमी को बाज़ार के फायदे पहुँच सके,नहीं तो बाज़ार कुछ लोगों के मुनाफा कमाने का अड्डा बन जाता है | जो एक नए सामंतवाद को जन्म देता है | आज हम बाजार की ताकत और संभावनाओं को नकार नहीं सकते और शायद  रोक भी नहीं सकते,हमारी क़ाबलियत इसी में है की हम इसे सही दिशा दे और जन आधारित बना सकें ,जो सीधे किसानों और मजदूरों से जुड़े जिससे बाज़ार का लाभ उसे भी मिल सके और सही अर्थों में भारत एक संपन्न राष्ट्र बन सकें । 
🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹







*****************
my facebook page 
***************

***********
facebook profile 
************

***************






*********************************
my Youtube channels 
**************
👇👇👇



**************************
my Bloggs
***************
👇👇👇👇👇



****************************





**************
(2)
*************

Comments

  1. bade logo ke bade natak

    ReplyDelete
  2. यह खेल समझना आसान नहीं है

    ReplyDelete
  3. आभार पूरी दुनिया कुछ लोग चल रहे हैं

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Mahakumbh

Mahakumbh Mela

waqf act