Jio aur jeene do

हमें जीने दो


महसूस करने के लिए मनुष्य होना जरूरी नहीं है. क्योंकि संवेदनाएं सिर्फ मानव जाति की धरोहर नहीं होती. जो अपनी और अपनों की फ़िक्र में दिन रात लगी रहती हैं. हमारी ब्यक्त करने की क्षमता ही हमें अन्य प्राणियों से अलग करती है |
                                             यह घटना एक दिन दोपहर की है,मै अलसाया हुआ पड़ा था, तभी अचानक एक  तेज आवाज़ हुई , मै चौक कर बहार निकला तो देखा कि बिजली के तारों में एक कौवा चिपका हुआ है | इसी वजह से यह सार्ट सर्किट हुआ था.वहीँ एक दूसरा कौवा उसके ऊपर मडरा रहा है ,लेकिन वह अपने आपको अपने साथी से ज्यादा देर तक दूर नहीं रख पाया और मै कुछ समझ पता कि वह भी प्रशासन कि तरह लचर और ढीले पड़े तारों में उलझ गया | ऐसा होते-होते अगले दिन सुबह तक पांच कौवे अपनी जान गवां बैठे, तीन ऊपर तारों में लटके रहे और दो जमीन पर पड़े थे | कौवे अब भी अपने साथियों कि खोज खबर लेने आ रहे हैं और ऐसे में हमारी इश्वर से यही कामना है कि ए जिस वक्त जहाँ भी अपने लोगों के साथ ऐसे ढीले तारों पर बैठें , उस वक्त बिजली न हो |
                                                                                                            कितना अच्छा होता कि हम लोग भी इनसे कुछ सीख पाते ,अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जाने और किसी का भी हक़ मारने कि आदत छोड़ पाते |    
🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹

🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹




*************

**********


******







*****************
my facebook page 
***************

***********
facebook profile 
************

***************






*********************************
my Youtube channels 
**************
👇👇👇



**************************
my Bloggs
***************
👇👇👇👇👇



****************************





**********************

Comments

  1. कितना अच्छा होता कि हम लोग भी इनसे कुछ सीख पाते ,अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जाने और किसी का भी हक़ मारने कि आदत छोड़ पाते |

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Mahakumbh

Mahakumbh Mela

waqf act