Agnipath Scheme and Bharat ke Agniveer
अग्ननीपथ योजना
अग्निपथ योजना के माध्यम से अग्निवीरों के निर्माण की जो शुरुआत की जा रही है उसमें तमाम तरह की नकारात्मक बातें चल रही हैं, हमारे देश में नकारात्मक लोगों की एक पूरी फौज है जो लोगों में सिर्फ कुंठा और हताशा भरने का काम करते हैं और किसी भी काम में उनको सिर्फ कमियां और बुराइयां ही दिखाई पड़ती हैं और इतनी बड़ी आबादी वाले देश में थोड़ी सी संख्या भी लाख नहीं करोड़ तक पहुँच जाती है और हर तरफ भीड़ नजर आने लगती है जबकि यह भीड़ एक - दो प्रतिशत भी नहीं रहती और मीडिया लगातार न केवल propaganda चलाता रहता है बल्कि गलत फहमी और खुश फहमी का लगातार शिकार होता रहता है। इसको हम चुनाव परिणामों में देख सकते हैं जहाँ भीड़ के बावजूद उनकी कोई निर्णायक भूमिका नहीं थी, वह तोड़ फोड़ और अराजकता फैलाने के ही काम आती है और किसी सकारात्मक बहस की कोई पहल नहीं होती।
एक बात पर और गौर करने की आवश्यकता है कि आजकल मीडिया में तमाम तरह के मीम चलाए जाते हैं और इनके माध्यम से भी opinion maker अपने लक्षित समूह तक पहुँचते हैं। इसको आप stand up comedy, jokes, cartoons में देख सकते हैं। फिलहाल यह हिंसा और अराजकता से लाख गुना बेहतर है और इस तरह के बकवास मकसद भी खास तरह का narrative set करने के लिए हंसी मजाक में लगातार चलाया जाता है जबकि समझने की बात है कि 25 की उम्र में एक सामान्य युवा के पास चार साल का बेहतरीन अनुभव और 15 से 20 लाख रुपये हाथ में होंगे...
मतलब banking, health, railway, civil services,... Politics.. Business, education किसी भी field में अपने दम पर जाने का अवसर... क्योंकि के पैसे के अभाव में बहुत सारे युवा मनमाफिक तयारी नहीं कर पाते और सेना में चार साल बिताने का मतलब अनुशासन और समर्पण की आजीवन आदत जो जीवन में सफल होने की अनिवार्य शर्त है और कोई भी राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रशिक्षित और कुशल बनाने की पहल ऐसे ही करता है। अग्निवीर की विशेष योग्यता और certificate के साथ
©️Rajhansraju
*******
आइए अब Social network का ज्ञान share करते हैं
*********
अग्निवीर और अग्निपथ
*****
-जिन गरीब मां बाप ने बिना सोचे समझे बच्चे पैदा कर दिए, उन्हें बचपन से किशोरावस्था तक पौष्टिक भोजन नहीं मिला, उचित शिक्षा नहीं मिली और यहां तक कि संस्कार भी नहीं मिले और अब वे बेरोजगार हैं तथा वे कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार हासिल करने के बजाय सरकारी / फौज की नौकरी चाहते हैं तो तो वाकई यह जीवन उनके लिए अग्निपथ है।
- आप सेना या पुलिस की भर्ती की भीड़ को जाकर कभी देखें तो पाएंगे कि आधे से ज्यादा बेरोजगार फिजिकली अनफिट नजर आते हैं और कई तो दौड़ते समय गिरकर बेहोश भी हो जाते हैं।
- हमारे देश में राजनीतिज्ञ अपने मुंह से नहीं कह सकते पर यह कड़वा सच है कि डेढ़ सौ करोड़ वाली आबादी वाले देश में नरेंद्र मोदी - राहुल गांधी-गहलोत-उद्धव- लालू यादव या ममता बनर्जी कोई भी सारे युवाओं को पटवारी, तहसीलदार, दरोगा बाबू, मास्टर ,अफ़सर की सरकारी नौकरी या फौज में सेवा का अवसर नहीं दे सकती।
- सरकारी सेवा का "सुनहरा पक्ष" है कि एक बार कोचिंग और पासबुक आदि की मदद से सेवा में घुस जाए तो आगे मौज ही मौज है! पूरे सेवाकाल में अच्छा वेतन और मनमर्जी से काम करने की छूट तथा रिटायरमेंट के बाद हैंडसम राशि व पेंशन दूसरी और प्राइवेट सेक्टर में शोषण और इस शोषण को सरकार का अप्रत्यक्ष समर्थन! ऐसे में भला कौन प्राइवेट सेक्टर की नौकरी या स्वरोजगार के लिए जाना चाहेगा?
- अग्निवीर योजना से के अंतर्गत भर्ती हुए युवा 4 साल तक यदि अपनी फिटनेस बना लें तो उन्हें उनमें से अनेक लोगों को सेना की स्थाई नौकरी मिलेगी तथा शेष को पुलिस तथा सिक्योरिटी से जुड़ी संस्थाओं में नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी।
ये लोग अन्य कोई स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं। हमारे देश में जहां बड़े पैमाने पर डायबिटीज और अन्य रोग फैल रहे हैं वहां सेना में 4 साल नौकरी करने से उनका खुद का स्वास्थ्य सही रहेगा ही ,साथ ही उनकी अगली पीढ़ियां भी स्वस्थ पैदा होंगी। इजराइल जैसे देशों में, जहां सेना में नौकरी करना अनिवार्य है वहां के पुरुषों और विशेषकर महिलाओं की फिटनेस देखते ही बनती है।
- अग्निवीर को चार साल में कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। प्रशिक्षण,रहना खाना, इलाज आदि सब फ़्री है ।मतलब चार सालों में फिटनेस और 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है।
- कई लोग पूछ रहे हैं कि अग्निवीर 4 साल बाद क्या करेंगे? इसका जवाब यह है कि वे लाखों लोग जिनका चयन एमबीबीएस कोर्स के लिए नहीं होता अथवा किसी अन्य सरकारी नौकरी के लिए नहीं होता, वे चार पांच साल असफल होने के बाद क्या करते हैं?
-बिहार और अन्य स्थानों पर हिंसा फैलाने वाले अयोग्य बेरोजगार ट्रेन जलाकर रोजगार नहीं पा सकेंगे, उल्टे अब इन राज्यों से कम लोग चयनित किए जाएंगे। - चलते-चलते एक बात और स्पष्ट है कि यदि उत्तर प्रदेश में हिंसा नहीं हुई है तो है इसका श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है और बिहार में हिंसा हो रही है तो इसके लिए वहां के ढीले ढाले पर सयाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं।
- अंततोगत्वा इस देश में(वरन पूरी दुनिया में ) बेरोजगारी का समाधान कौशल विकास है ना की सरकारी नौकरियां !
* वेद माथुर
**************
भाई
किसने रोका है तुम्हें अम्बानी बनने से?
किसने रोका है देश का प्रधानमंत्री या किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से?
किसने रोका है यूपीएससी में टॉप कर प्रशासनिक सेवा में जाने से?
किसने रोका है कानून की पढ़ाई कर न्यायाधीश या वकील बनने से?
किसने रोका है इंजीनियरिंग या मेडिकल में महारत हासिल करने से?
किसने रोका है कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक विशेषज्ञता हासिल करने से?
किसने रोका है सीडीएस या एसएसबी में प्रवेश कर देश की सेना में जाकर सेना प्रमुख बनने से।
किसने रोका है मेरे जैसे पुलिस की सेवा में आकर काम करने से?
किसने रोका है भारत से जाकर अमरीका आस्ट्रेलिया कनाडा यूरोप खाड़ी आदि में डॉलर पौंड यूरो दिनार दिरहम कमाने से?
और किसने रोका है गांधीवादी अहिंसात्मक सत्याग्रह कर अपना विरोध दर्ज कर जननेता बनने से?
लेकिन याद रखो हम केवल रोकेंगे ही नहीं, कानून भी अपना काम करेगा अगर कोई भी नागरिक आग लगाएग व देश को तोड़ने तथा राष्ट्रीय तथा आम जनता की सम्प्पति को नुकसान पहुँचाकर देश को अशांत करने की चाल चलोगा तो। आपकी ऊर्जा सकारात्मक हो, जो आज की दुनिया मे आपके आस्तित्व को स्थापित करेगी। नकारात्मक सोच हमेशा पतन की ओर ले जाती है। याद रखना गांधी जी भी चौरीचौरा के खिलाफ थे।
हम दिव्य नहीं हैं दिनकर से, लेकिन छोटी सी चिन्गारी हैं।
हम जहां खड़े हैं वहीं राष्ट्र की अस्मत के एक पुजारी हैं।
चौ.मदन मोहन समर
********
#अग्निपथ जॉब आर्मी की है, रहना खाना, इलाज वगैरह सब फ्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है।
पहला साल- 21,000×12 = 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12 = 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12 = 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12 = 3,36,000
____________________________
4 साल सैलरी = 11,72,160 रुपए
रिटायरमेंट पर = 11,71,000 रुपए
____________________________
Total = 23,43,160 रुपए
आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन जरूर कीजिए। समझिए आपको 4 साल आर्मी की ट्रेनिंग दी जाएगी, साथ मे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारहवीं या ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है।
उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई बिजनेस शुरू कर लीजिएगा.. लाइफ जैसी अभी चल रही है उससे बेहतर तय है।
सोचिए 24 की उम्र में zero से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हजार रुपए कम नहीं है।
👉 आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि अपना भविष्य सुरक्षित कीजिए।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
मेरे एक परिचित हैं टुन्ना भैय्या. जीवन में उन्होंने कभी किसी की तारीफ़ न की होगी. कोई ias बन गया तो कहेंगे, मैं चाहता तो क्या मैं न बन सकता था, उसने सोलह घंटे रोज़ पढ़ाई की, मैं सवा सोलह करता उससे अच्छी रैंक ले आता।
आयु लगभग पचास वर्ष क्रॉस हो चुकी है और अब तक की लाइफ़ में कभी कहीं दो हज़ार रुपए की नौकरी नहीं कर पाए, पर तकलीफ़ उन्हें IAS से लेकर IIT तक के सिलेबस में चेंज से होती है, अदानी के शेयर प्राइस और अम्बानी के अंटिला के बिजली के बिल तक की पकड़ रखते हैं और उसे कंट्रोल में कैसे करें उसका भी तरीक़ा उन्हें मालूम होता है - सिम्पल, बाहर की लाइटें क्यों जला कर रखते हैं टाइप से।
अग्नि वीर योजना पर मेरी सैंकड़ों लोगों से बात हुई. सेना के लिए यह ठीक है या ग़लत, यह तो सेना जाने, पर ग्रामीण परिवेश में रहने वाले सामान्य बालकों के लिए यह योजना एक्सेलेंट है हर पढ़ा लिखा समझदार व्यक्ति बोल रहा है. शिवाय टुन्ना भैय्या जैसों के।
बेसिक लाजिक है हर योजना सबके लिए नहीं होती. जो छात्र स्कालर हैं, IIT में जाने वाले हैं, NDA निकलने वाले हैं, वह इस स्कीम की ओर देखेंगे तक नहीं. वैसे ही टुन्ना भैय्या जैसे लोगों ने जिन्होंने ज़िंदगी में एक फ़ॉर्म अपने हाथ से न भरा उनके लिए भी यह स्कीम नहीं है.
जिनके लिए यह स्कीम है, एक सामान्य ग्रामीण परिवेश के बारहवीं पास सामान्य बच्चे के लिए - बेसिकली टुन्नाभैय्या जैसे थे बारहवीं के पास. कुछ पता नहीं क्या करना है BA कर लेते है. अभी है कि चार साल सेना में रह लो, डिग्री भी मिल जाएगी और निकलते वक्त दस बारह लाख होंगे. भरी जवानी होगी जिस आयु में दुनिया के लोग चाँद पर पहुँच जाते हैं. समय है, पैसे हैं, डिग्री है अनुभव है जो करना चाहो कर लो.
पर हाँ टुन्ना भैय्या बन ज़िंदगी भर कुढ़ते हुवे दूसरों की कमियाँ ढूँढते हुवे ज़िंदगी बिताना ज़्यादा आसान है. और यही असली वजह होती है ऐसी हर स्कीम के विरोध की.
Nitin Tripathi
इस दुनिया को,
ReplyDeleteआबाद रखने की यही शर्त है,
इसका खारापन सोखने को,
हमारे पास,
एक समुंदर हो।
प्रभु भल कीन्ह मोहिसिख दीन्ही,
ReplyDeleteमरजादा पुनि तुम्हरी कीन्ही।
ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी,
सकल ताड़ना के अधिकारी ।। 3।।
अर्थ -
प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी
अर्थात दंड दिया
किंतु मर्यादा (जीवो का स्वभाव)
भी आपकी ही बनाई हुई है
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री
यह सब शिक्षा के अधिकारी हैं..